आपका स्पर्म काउंट यानी शुक्राणु की संख्या कितनी है इसका संबंध खान-पान से भी है. आप जो खाते हैं उसी से शरीर की सारी गतिविधियां निर्धारित होती हैं.
अगर आपके आहार में वसा की मात्रा ज़्यादा है तो स्पर्म काउंट में निश्चित तौर पर गिरावट आती है. अमरीका के एक फ़र्टिलिटी क्लिनिक में 99 पुरुषों पर स्टडी की गई है. इस स्टडी में पता चला कि जो जंक फूड ज़्यादा खाते हैं उनके शुक्राणु की गुणवत्ता काफ़ी कमज़ोर थी.
जिनके शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा पर्याप्त होती है उनके शुक्राणु की गुणवत्ता बेहतरीन होती है. यह एसिड मछली और वनस्पतियों के तेल में पाया जाता है.
इस स्टडी के अनुसार जो ज़्यादा वसा खाते हैं उनका स्पर्म काउंट 43 फ़ीसदी कम होता है और शुक्राणु की सघनता भी कम होती है. जो ओमेगा-3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में लेते हैं उनके स्पर्म की गुणवत्ता काफ़ी अच्छी होती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रति मिलीलीटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 1.5 से 3.9 करोड़ हो तो उसे सामान्य माना जाता है.
कई स्टडी का तो यहां तक कहना है कि अगर स्पर्म काउंट में गिरावट नहीं थमी तो मानव एक दुर्लभ प्रजाति की सूची में शामिल हो जाएगा. कई स्टडी में यह बात सामने आई है कि उत्तरी अमरीका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के पुरुषों में पिछले 40 सालों से कम वक़्त के दौरान स्पर्म काउंट आधा हो गया है.
जब एक पुरुष के वीर्य में पांच करोड़ से 15 करोड़ तक शुक्राणु की संख्या होती है तो वो महिलाओं के फलोपीअन ट्यूब में तत्काल तैरने लगता है. हालांकि यह सब कुछ इतना आसान नहीं होता है. कई बार एक ही स्पर्म महिलाओं के अंडाणु के लिए पर्याप्त होता है