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क्लैमाइडिया

क्लैमाइडिया सबसे आम यौन संचारित इंफेक्‍शन (एसटीआई) होता है। यह इंफेक्‍शन खासतौर पर, असुरक्षित यौन संबंध बनाने से फैलता है। अगर क्लैमाइडिया का ट्रीटमेंट समय पर न करवाया जाए तो यह इनफर्टिलिटी के रूप में गंभीर हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स पैदा कर सकता है।

जी हां क्लैमिडिया को अक्सर 'साइलेट इंफेक्‍शन' कहा जाता है क्योंकि यह काफी हद तक असम्बद्ध है।  यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए चिंताजनक है क्योंकि अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो क्लैमिडिया पेल्विक सूजन की बीमारी, पुरानी पेल्विक पेन, एक्टोपिक प्रेग्‍नेंसी और इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।

कैसे होता है क्‍लैमाइडिया?

क्लैमाइडिया का मुख्य कारण, क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस बैक्‍टीरिया है, जिसके कारण यह इंफेक्‍शन फैलता है। यह रोग ओरल रूप से, वेजाइना या फिर यौन सम्बन्धों से फैलता है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति अपनी आंखों को दूषित हाथों से छू दे तो, इससे आंखों में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। क्लैमाइडिया गर्भवती महिलाओं में, डिलीवरी के दौरान बच्चों को संक्रमित कर सकता है।

क्‍लैमाइडिया के लक्षण

क्‍लैमाइडिया के सबसे आम लक्षणों पर ध्‍यान देना और रेगुलर चेकअप और सेफ सेक्‍स रखना भी बहुत जरूरी है। आइए क्‍लैमाइडिया के कुछ लक्षणों के बारे में जानें।

  • असामान्य वेजाइनल डिस्‍चार्ज
  • यूरिन के दौरान जलन महसूस होना
  • सेक्स के दौरान दर्द
  • सेक्स के बाद ब्‍लीडिंग होना
  • ब्‍लीडिंग या पीरियड्स के बीच स्‍पॉटिंग
  • पेल्विक पेन
अगर आप सेक्‍सुअली एक्टिव हैं और आपकी उम्र 25 साल से कम है तो आपको हर साल क्‍लैमाइडिया का चेकअप करवाना चाहिए। क्‍योंकि शुरूआत में ही इसकी जानकारी होने से क्‍लैमाइडिया का एंटीबायोटिक्स के से इलाज किया जा सकता है।

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